मै हैरत में पड़ जाता हूँ जब देखता हूँ लोग किसी देश का भविष्य जानने के लिये वहां के शहरों को देखते है, लेकिन जब मुझे अखंड भारत का भविष्य देखने की इच्छा होती है, तो मै केवल बच्चों की आँखों और चेहरों को देखने की कोशिश करता हूँ क्योकि वहीँ मुझे आने वाले भारत की तस्वीर नजर आती है . 

“प्रिय बच्चों और अभिभावकों, शिक्षा जीवन का आधार है और इसके माध्यम से हम अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं। कठिन परिश्रम, अनुशासन और सकारात्मक सोच से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। विद्यालय आपका दूसरा परिवार है, जहाँ हम मिलकर सफलता की नई ऊँचाइयों को छू सकते हैं। आगे बढ़िए और अपने सपनों को साकार कीजिए।”